
सोयाबीन की कीमतों में जोरदार उछाल के संकेत! जानिए इसके पीछे की असली वजह
सोयाबीन की कीमतों में जोरदार उछाल के संकेत! जानिए इसके पीछे की असली वजह: किसान भाइयों सोयाबीन और सोया तेल का बाजार पिछले कुछ सप्ताह से काफी एक्टिव दिख रहा है । बेसिक मार्केट के सिगनल्स और तो और कच्चे तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव और घरेलू स्तर पर बुवाई के आंकड़ों ने सोयाबीन की कीमतों को काफी प्रभावित किया है ।
CBOT (Chicago Board of Trade) में 23 जून 2025 को सोया ऑयल के जुलाई फ्यूचर्स में 1.12% की तेजी देखी गई, जबकि सोयाबीन के दामों में मामूली बढ़त और सोया मील के भाव में गिरावट दर्ज हुई। इससे साफ है कि मार्केट में सोया ऑयल की डिमांड अभी मजबूत है, जबकि मील की मांग थोड़ी कमजोर है। लेकिन भारत में स्थिति थोड़ी अलग है।
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यहां आयातित तेलों की सप्लाई में दिक्कतें हैं, खासकर कांडला पोर्ट पर स्टॉक सीमित है। इस वजह से घरेलू क्रशिंग यूनिट्स को ऊंचे दामों पर सोयाबीन खरीदना पड़ रहा है। पिछले हफ्ते घरेलू मंडियों में सोयाबीन के भाव में ₹50 से ₹75 प्रति क्विंटल की बढ़त देखी गई। कई मंडियों में भाव फिलहाल ₹4650 के ऊपर टिके हैं। महाराष्ट्र के कृति प्लांट में अगर कीमत की बात करें तो वहां की कीमत 4650 के स्तर को पार करती है तो किसान भाइयों आने वाले कुछ दिनों में 5000 तक की रैली की उम्मीद जताई जा रही है ।
वहीं, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में बुवाई का काम तेजी से चल रहा है, जो अगले सीजन में सप्लाई को प्रभावित करेगा। इस रिपोर्ट में सोयाबीन और सोया तेल की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा स्थिति को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।
वैश्विक बाजार का असर
इंटरनेशनल मार्केट में सोयाबीन और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की कीमतों पर कच्चे तेल के भाव और जियो-पॉलिटिकल टेंशन का सीधा असर पड़ता है। CBOT में सोया ऑयल के जुलाई फ्यूचर्स $55.08 पर बंद हुए, जो पिछले दिन के मुकाबले 1.12% ऊपर था। वहीं, सोयाबीन के भाव में 0.14% की मामूली बढ़त देखी गई, लेकिन सोया मील के दाम 0.60% नीचे आए।
तो देखा जाए तो इसे यह पता चलता है की मार्केट में सोया तेल की डिमांड काफी मजबूत बन गई है । जबकि इसके मिल की मांग कमजोर बनी हुई है । बता देते हैं कि इसके अलावा मलेशिया के पाम आयल मार्केट (KLCE CPO) में हल्की मंदी देखी गई। जुलाई फ्यूचर्स RM 4055 पर बंद हुए, जो 0.39% नीचे था। अगस्त और अक्टूबर के कॉन्ट्रैक्ट्स में भी 0.32% की गिरावट दर्ज हुई। चीन के DCE मार्केट में भी सोया ऑयल और पाम ऑयल के भाव कमजोर रहे। इन वैश्विक संकेतों के बावजूद, भारतीय बाजार में सोयाबीन के भाव स्थिर हैं, क्योंकि आयातित तेलों की सप्लाई में दिक्कतें हैं।
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भारत में सोयाबीन की बुवाई
इस साल मौसम समय से पहले ही आ गया है । जिसकी वजह से सोयाबीन की बुवाई में काफी तेजी देखने को मिली है । महाराष्ट्र में अब तक तीन 3.22 लाख हेक्टेयर में बुवाई किसान भाइयों ने पूरी कर ली है । जो पिछले साल के मुकाबले 83% ज्यादा है। मध्य प्रदेश में भी किसानों ने जल्दी बुवाई शुरू की है। अगर मौसम अनुकूल रहा, तो इस साल सोयाबीन का उत्पादन अच्छा हो सकता है। आपको बता देते कि हालांकि यह चिंता का विषय यह है कि मुकाबला सोयाबीन के भाव काफी नीचे उतर चुके हैं ।
इसके कारण किसान भाइयों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है । किसान संगठन ऑन और सरकार पर दिन प्रतिदिन दबाव बढ़ता ही जा रहा है की आयात शुल्क बढ़ाया जाए ताकि घरेलू बाजार की स्थिति को सपोर्ट मिल सके ।
घरेलू मंडियों में सोयाबीन के भाव
सोयाबीन के आज के मंडी भावों की बात करें तो इंदौर मंडी में 4000 से ₹4400 रुपए प्रति क्विंटल, देवास मंडी में 3800 से 4350 रुपए प्रति क्विंटल, लातूर मंडी में 4000 से 4400 रुपए प्रति क्विंटल, जालना मंडी में 4200 से 4250 रुपए प्रति क्विंटल, राजकोट मंडी में ₹4200 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल, और राजस्थान में 4400 रुपए प्रति क्विंटल रहे। अगर अगर इसकी जगह प्लांट की बात की जाए तो सोलापुर पूरा प्लांट पर 4610 प्रति क्विंटल, और लेटर प्लांट पर सोयाबीन 4690 रुपए प्रति क्विंटल सोयाबीन का भाव रहा है ।
सोया ऑयल का आउटलुक
भारत में सोया ऑयल की कीमतों पर कांडला पोर्ट की स्थिति का बड़ा असर पड़ रहा है। पोर्ट पर स्टॉक सीमित है और लॉजिस्टिक्स में देरी हो रही है जिसकी वजह से क्रशर्स को ज्यादा दामों में खरीदी करनी पड़ रही है, CBOT मैं सोया ऑयल 7.5 प्रतिशत तक चढ़ा है लेकिन भारतीय बाजार में कीमत अभी भी इसकी स्थिर बनी हुई हैतकनीकी रूप से, Haldia मार्केट में अगर सोया ऑयल ₹1180 के लेवल को पार करता है, तो ₹1240-1250 तक की रैली संभव है। हालांकि, निकट भविष्य में कोई बड़ा त्योहार नहीं होने के कारण मांग में कमजोरी बनी हुई है।
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क्या करें किसान और ट्रेडर्स
कुछ एक्सपर्ट का यह मानना है कि त्योहार ही सीजन के पास आते ही सोयाबीन और सोया तेल की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी जिसकी वजह से कीमतों में सपोर्ट मिल जाएगा । ट्रेडर्स को सलाह है कि वे ऊंचे स्तरों पर प्रॉफिट बुक करें और नई खरीदारी में जल्दबाजी न दिखाएं, क्योंकि ईरान-इजरायल तनाव जैसे बाहरी फैक्टर्स मार्केट को प्रभावित कर सकते हैं। ईरान द्वारा अमेरिका को लाल सागर बंद करने की धमकी के बाद स्थिति तनावपूर्ण दिख रही है। इसलिए, मार्केट ट्रेंड को देखते हुए किसानों को सलाह है कि वे MSP से नीचे बिक्री न करें और सरकार पर दबाव बनाएं कि आयात शुल्क बढ़ाया जाए।
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